नज़रिया बराबरी का: औरतों और लड़कियों के लिए बेहतर नेत्र स्वास्थ्य की ओर
Related content
सभी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं और आंखों की देखभाल मिले — इसके लिए ज़रूरी है कि हम सिस्टम की गलतियों को सुधारें, लड़कों और लड़कियों को बराबरी से देखें, और ज़्यादा महिलाओं को नेतृत्व में लाएं। यह अंक औरतों और लड़कियों की आंखों की सेहत पर केंद्रित है। शोध बताते हैं कि औरतों और लड़कियों को आंखों की समस्या पुरुषों से ज़्यादा होती है। इसका कारण सिर्फ यह नहीं है कि वे ज़्यादा जीती हैं, बल्कि इसलिए भी कि उन्हें आंखों की सही सेवाएं बराबरी से नहीं मिलतीं। इनके सामने सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यवस्था से जुड़ी कई रुकावटें होती हैं, जो उन्हें समय पर इलाज लेने से रोकती हैं। जब महिलाओं को नेतृत्व का मौका मिलता है, तो स्वास्थ्य सेवाएं और भी बेहतर और सभी के लिए समावेशी बनती हैं।
आज भी, औरतें, लड़कियाँ और अलग-अलग लैंगिक पहचान वाले लोग, पुरुषों और लड़कों की तुलना में अच्छी नेत्र सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। इसी कारण, दुनिया में दृष्टिहीनता से प्रभावित 1.1 बिलियन लोगों में 55% महिलाएं और लड़कियाँ हैं। आप सोच सकते हैं कि यह केवल उम्र की वजह से है, लेकिन असली वजह है – बराबर अवसर न मिलना।
2022 के एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को मोतियाबिंद और नजर की समस्याओं का इलाज कम मिला। कुछ क्षेत्रों में यह अंतर और भी ज़्यादा है।
दृष्टिहीनता का असर स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिससे औरतें और लड़कियाँ गरीबी और असमानता के चक्र में फँसी रह जाती हैं।
दूसरी ओर, स्वास्थ्य सेवाओं में ज़्यादातर काम महिलाएं करती हैं, लेकिन नेतृत्व की भूमिका में बहुत कम महिलाएं होती हैं। यह बदलना ज़रूरी है। जब महिलाएं नेतृत्व में आती हैं, तो सेवा की गुणवत्ता, पहुंच और असर तीनों बेहतर होते हैं।
इसीलिए ज़रूरी है कि हम उन्हें ट्रेनिंग, मार्गदर्शन (mentorship), और बराबरी के अवसर दें ताकि वे नेतृत्व की भूमिका निभा सकें। इस अंक में ऐसे ही कई जानकारीभरे लेख और उपयोगी टूल्स हैं जो इस ज़रूरी काम में आपकी मदद करेंगे।
मुख्य सामुदायिक नेत्र स्वास्थ्य संदेश
1. महिलाओं और लड़कियों के लिए नेत्र देखभाल तक पहुँच सुधारने के लिए:
● महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग डेटा इकट्ठा करें, ताकि यह समझा जा सके कि कौन सेवाओं तक पहुंच पा रहा है और कहां कमी है।
● महिलाओं से सीधी बातचीत करें – जैसे समूह चर्चा या व्यक्तिगत बातों के ज़रिए – ताकि असली समस्याएं पता चल सकें और उनके अनुसार समाधान तैयार हो सकें।
● अलग-अलग सामाजिक और आर्थिक स्थिति वाली महिलाओं को शामिल करें, जैसे विकलांगता के साथ रहने वाली, आर्थिक रूप से कमजोर या अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाएं – ताकि सभी के अनुभव समझे जा सकें।
2. समुदाय के साथ समाधान के लिए काम करते समय:
● महिलाओं और लड़कियों से अलग से बात करें ताकि यह जान सकें कि उन्हें नेत्र देखभाल प्राप्त करने में क्या रुकावटें आती हैं और उनका ईमानदार फीडबैक प्राप्त करें।
● सेवाओं की योजना बनाते समय उनकी राय लें और यह सुनिश्चत करें कि समय सुविधाजनक हो, बच्चों के लिए देखभाल की सुविधा हो, और महिला स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध हों।
● यह समझें कि उम्र, गरीबी, विकलांगता, या जातीय पहचान जैसे कारण मिलकर नई समस्याएं खड़ी कर सकते हैं – इन बातों को ध्यान में रखकर सेवाओं की रूपरेखा बनाएं।
3. स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक बराबरी वाला और महिला-हितैषी बनाएं:
● स्वास्थ्यकर्मियों को लिंग संवेदनशीलता पर प्रशिक्षित करें ताकि वे महिलाओं की समस्याएं समझ सकें और सहयोगी व्यवहार अपनाएं। ऐसी सेवाएं दें जो औरतों के लिए सहज हों – जैसे केवल महिलाओं के लिए क्लिनिक, महिला स्टाफ की उपलब्धता और बच्चों को साथ लाने की अनुमति।
● पुरुषों और समुदाय के नेताओं को साथ लेकर काम करें ताकि परिवारों और समाज में महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा मिल सके।
● यह सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवाएं अधिक समावेशी और महिलाओं के लिए आसान हो, ताकि वे इन सेवाओं का उपयोग करते समय सहज और समर्थ महसूस करें।
